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14 सितम्बर: पंडित टीकालाल टपलू की हत्या और 1990 के दशक का कश्मीरी पंडित जीनोसाइड का आरम्भ

हाल ही में 14 सितम्बर की तिथि बीती है, हिन्दी दिवस के रूप में सभी ने मनाया। परन्तु हिन्दी दिवस के नीचे एक महत्वपूर्ण घटना दब जाती है और वह है कश्मीरी पंडितों के एक बड़े नेता पंडित टीकालाल टपलू की जिहादियों के हाथों हत्या और उसके बाद 1990 में कश्मीरी पंडितों का जीनोसाइड आरम्भ …

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23 अगस्त 2023: झारखंड की अंकिता को शाहरुख द्वारा आग लगाए जाने का एक वर्ष: विमर्श में क्या कुछ बदला?

23 अगस्त 2022 को झारखंड में एक ऐसी घटना हुई थी, जिसके बाद एक नया और बहुत ही हैरान करने वाला विमर्श आरम्भ हुआ था। 23 अगस्त 2022 को झारखंड की अंकिता को उसके घर में शाहरुख ने आग लगाकर जला दिया था। यद्यपि वह बच्ची बेचारी कई दिनों तक जीवन और मृत्यु के मध्य …

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25 जून 1990: गिरिजा टिक्कू की हत्या: दिलीप कौल की कविता, जो साहित्य में जीवित रखे है इस घटना को

25 जून 1975 तो सभी को याद है और सभी याद कर रहे हैं, मगर 25 जून को एक और घटना हुई थी, जिसे स्मरण करना और भी अधिक आवश्यक है। यह घटना है गिरिजा टिक्कू की हत्या, जो 25 जून 1990 को घटित हुई थी। हत्याएं जैसी घटनाओं पर लोग बात करने से हिचकते …

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विश्व बालश्रम निषेध दिवस: आवश्यकता है नए स्तर पर बालश्रम एवं शोषण का दायरा बनाने की एवं पश्चिम को अपने गिरेबान में झांकने की

आज अर्थात 12 जून को विश्व बालश्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। बहुत ही कम लोगों को यह ज्ञात होगा कि यह दिवस जो पूरे विश्व में बाल श्रम का निषेध करने के लिए मनाया जाता है, उसका आरम्भ एक भारतीय के हाथों हुआ था। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा आयोजित यह दिवस बच्चों के पति …

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शेरशाह सूरी से प्यार का कारण? आत्महीनता से भरा इतिहासबोध या कुछ और?

भारत के कथित प्रगतिशील साहित्यकारों एवं कथित जनवादी एवं कई राष्ट्रवादी इतिहासकारों में ऐसे शासकों से प्यार करने की होड़ है, जिन्होनें जमकर हिन्दुओं की हत्याएं कीं और यही नहीं अपने ग्रंथों में वर्णित कार्यों को भी ऐसे ही शासकों के प्रति समर्पित कर दिया गया है। यह कैसी आत्महीनता है? यह कैसा आत्महीनता से …

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रिजवाना तबस्सुम: फेमिनिस्ट विमर्श से गायब एक आत्महत्या

आज 5 मई 2023 है! कहने के लिए आम दिन है, परन्तु आज का दिन इसलिए स्मरण करना चाहिए, क्योंकि तीन वर्ष पहले आज के ही दिन वह घटना हुई थी, जो एजेंडा सिस्टरहुड अर्थात बहनापे की पोल खोलती है. कहने के लिए बहनापा बहुत ही प्यारा शब्द है, एक सपना है, परन्तु क्या आप …

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यौन शोषण और चर्च: आइये देखें क्या कहते हैं आंकड़े और इस वैश्विक विमर्श पर विदेशी कविता के बिम्ब चुराने वाले कवि और लेखक मौन क्यों?

भारत का कथित लिबरल वर्ग जो स्वयं को वैश्विक विमर्श के आधार पर संचालित करता है, वह कैसे उस वैश्विक विमर्श पर मौन रह जाता है, जो पूरे विश्व में चर्चा का विषय बनता है। स्वयं को वैश्विक विमर्श का ठेकेदार मानने वाला प्रगतिशील वर्ग उन काले कारनामों पर चुप रह जाता है, जो विश्व …

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16 अप्रेल: पालघर के साधुओं की हत्या: हमारे परिदृश्य से धूमिल होता विमर्श

तीन वर्ष पूर्व 16 अप्रेल  ही था, जब दो निर्दोष साधुओं की हत्या पुलिस के सामने कर दी गयी थी। महाराष्ट्र के पालघर में हुई इस घटना ने उन सभी को स्तब्ध करके रख दिया था जो साधुओं का आदर करते थे और जो यह सहज सोच भी नहीं सकते थे कि कोई निशस्त्र साधुओं …

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