अवधारणा, नैरेटिव और भाषांतरण
पिछले दिनों एक कार्यक्रम में प्रतिभागिता की, जिसमें मैंने हिन्दू धार्मिक ग्रंथों के मिशनरी द्वारा किए गए भाषांतरण की बात की थी। कई बार इन भाषांतरणों में ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ अटक रहा है, खटक रहा है! दरअसल यहाँ पर वह शब्दों की अवधारणाएं सम्मुख आती हैं, जो उसस्थान के धर्म से जुडी …