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केरल की निमिषा प्रिया ‘थॉमस’: यमन की जेल और फांसी की प्रतीक्षा: दोषी कौन? आजादी की चाह या फिर कथित पहचान का लालच?

केरल में रहने वाली निमिषा प्रिया ने एशियानेट को एक आपात सन्देश भेजा कि उन्हें किसी भी क्षण फांसी दी जा सकती है और उन्होंने यमन की जेल से भारत की महामहिम राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को पत्र भेजा है और सहायता माँगी है। वह भारत में केरल से हैं और जाहिर है कि वह पेशे …

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प्रवीण राय की प्रेम कथा: वोक फेमिनिज्म के गाल पर तमाचे की तरह है

वोक फेमिनिस्ट जिनके लिए प्रणय का इतिहास ही जैसे उनके फेमिनिज्म की आँख खुलने के बाद आरम्भ होता है, उन्होंने कभी प्रेम और मिलन की उन्मुक्तता लिखने वाली प्रवीण राय के विषय में नहीं पढ़ा होगा। जो लोग योनि अर्थात वजाइना तक प्रेम को सीमित कर देती हैं, उन्होंने कभी ओरछा की प्रवीण राय के …

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ननी बाला देवी – गुमनाम क्रांतिकारी स्त्रियाँ

आज परिचय ले लेते हैं, उस युग की स्त्रियों का जिस युग में यह प्रमाणित करने की होड़ लग गयी थी कि स्त्री में चेतना नहीं होती या फिर स्त्री पिछड़ी होती है।   आज से कुछ स्वतंत्रता संग्राम की गुमनाम स्त्रियों के जीवन में प्रवेश करेंगे, दबे पांव क्योंकि वह इतिहास की उस चादर के …

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क्षीरोदा सुन्दरी देवी – एक गुमनाम कथा

उनमें बुद्धिमानी और चपलता दोनों ही कूट कूट कर भरी हुई थीं। ऐसा नहीं था कि वह एक आसान जीवन नहीं जी सकती थीं, वह भी अंग्रेजी सरकार में आराम से जी सकती थी, क्यों नहीं जी सकती थीं? आखिर क्या समस्या थी? पर उन्होंने एक ऐसा मार्ग चुना, जिस पर चलना उस समय खतरे …

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वीरांगना प्रीतिलता वादेदार

क्या हम सभी को यह नाम परिचित लगता है? कौन प्रीतिलता? कौन वादेदार? हमारे दिमाग में जरा भी नहीं आता यह शब्द! और क्यों आएगा? क्योंकि हमने सोचा नहीं! हम नहीं सोचना चाहते, हम नहीं झांकना चाहते अपने अतीत में। मगर क्या अतीत इतना भयभीत करने वाला है? हम अपनी स्त्री धरोहरों को इतना क्यों …

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भारत की स्त्री कब थी दुर्बल? फेमिनिस्ट प्रपंच के बीच शकुन्तला की कथा कुछ और कहती है

“रति, प्रीति, और धर्म सभी पत्नी के ही हाथों में होते हैं, अत: ज्ञानी को चाहिए कि वह अति क्रोधित होने पर भी पत्नी से कभी अप्रिय बात न करे” “स्त्रियाँ आत्मा का सनातन और पवित्र जन्मक्षेत्र हैं; ऋषियों में भी क्या शक्ति है जो वह बिना स्त्री के प्रजा रच सकें?” “जब पुत्र धरती …

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बोल्ड और अश्लीलता में फर्क न समझ पाने की विवशता या छल?

कई फ़िल्में जब रिलीज होती हैं तो कहा जाता है कि इस फिल्म में बोल्डनेस की हदें पार की गयी हैं, मगर कई बार हम ठहर कर सोचना ही नहीं चाहते कि बोल्डनेस क्या है? बोल्डनेस क्या छोटे छोटे कपड़ों में हैं? तो फिर छोटे छोटे कपड़े पहनकर करवाचौथ व्रत भी प्रगतिशीलता का प्रतीक होगा? …

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वैदिक स्त्रियाँ

अद्भुत ऋषि वागाम्भृणी उसने कहा मैं शक्ति हूँ! और कहा कि मैं परमात्मा के साथ एकाकार हूँ। इस जगत में आत्मा और परमात्मा एक ही है!” आत्मा और परमात्मा को एक कहने वाला सिद्धांत ऋग्वेद के दशम मंडल के 125वें सूक्त में प्राप्त होता है। जिसे हम अद्वैत सिद्धांत की प्रेरणा कह सकते हैं। वाग …

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क्या सनातन में प्रेम पर वर्जना थी?

जब भी कभी भारतीय या कहें हिन्दू स्त्रियों की बात होती है, तो हमेशा उनका रोता बिसूरता चित्रण किया जाता है, साहित्य में तो मध्यकालीन तथा वैदिक स्त्रियों की उपलब्धियों पर वामपंथी साहित्यकारों ने न केवल मौन साधा है, अपितु समस्त उपलब्धियों को बिसरा दिया है. उन्हें छिपा दिया है और चेतना का प्रस्फुटन वह …

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