प्रवीण नेत्तारू, एक ऐसा नाम जो हाल फिलहाल परिदृश्य से बाहर है, परन्तु प्रवीण नेत्तारू का विमर्श परिदृश्य से बाहर नहीं है और न ही वह हो सकता है। प्रवीण नेत्तारू का नाम अब शायद लोग भूल गए हैं, या कहें सूचनाओं के इस संसार में एक वह नाम था जो आम लोगों की स्मृति से गायब हो गया। ऐसे में प्रश्न उठ सकता है कि क्या क्या प्रवीण नेत्तारू जैसे नाम गायब ही होंगे या फिर उनके बलिदान को स्मरण रखा जाएगा?
इसका उत्तर अत्यंत सकारात्मक है क्योंकि प्रवीण नेत्तारू के बलिदान को ही नहीं बल्कि उनके अधूरे सपने को भी उनकी पार्टी ने सहेज कर रखा था और उनका अधूरा सपना पूरा किया
26 जुलाई 2022 को कर्नाटक के भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता प्रवीण नेत्तारु की हत्या कर दी गयी थी। हत्या भी इसलिए कर दी गयी थी, जिससे कि एक बड़े वर्ग में खौफ जाए। डर उत्पन्न हो। यह उसी दौर में हुई हत्या थी, जब नुपुर शर्मा को लेकर धरने और प्रदर्शन किए जा रहे थे। और एक विचार विशेष का पालन करने वालों पर शारीरिक और आभासी दोनों ही दुनिया में हमले हो रहे थे। अर्थात विमर्श और भौतिक दोनों ही संसार में हमलों का सामना एक वर्ग कर रहा था!
पिछले वर्ष 26 जुलाई को यह हत्या हुई थी! मीडिया के अनुसार प्रवीण नेत्तारू मुर्गी पालन के कार्य में थे! दक्षिण कन्नड़ जिले के बेल्लारे इलाके में प्रवीण की पोल्ट्री की दुकान थी। पुलिस के अनुसार घटना वाले दिन जब प्रवीण दुकान बंद कर घर लौट रहे थे, तभी बाइक पर कुछ लोग आए और उनका रास्ता रोक लिया। उन्होंने कुल्हाड़ी से प्रवीण पर हमला कर दिया था। उन्हें अस्पताल लेकर जाया गया, परन्तु उनकी मृत्यु हो गयी थी!
इस हत्या में पीएफआई का नाम सामने आया था और यह भी कहा गया कि हत्यारे केरल से आए थे, और इस हत्या को लेकर कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया था। प्रवीण नेत्तारु की हत्या के मामले को एनआईए को सौंप दिया था।
एनआईए ने आज ही एक और सम्प्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करते हुए इस मामले में दो और आरोपियों के नाम जोड़े हैं। दोनों ही प्रतिबंधित पीएफआई के सदस्य हैं। इनके नाम हैं तुफैल एमएच और मोहम्मद जाबिर!
परन्तु इनसे बढ़कर एक और घटना हुई है, जिस पर संज्ञान लिया जाना चाहिए और जो सामने आनी चाहिए। जब प्रवीण नेत्तारु की हत्या हुई थी, तो उनकी माँ के रुंधे गले से जैसे ही ये शब्द फूटे कि “मैं वृद्ध हूँ, प्रवीण के पिता हृदय के रोगी हैं! प्रवीण हमारे लिए एक घर बनाना चाहता था!”
वैसे ही प्रवीण नेत्तारू के इस अधूरे सपने को पूरा करने के लिए मानो कई लोगों ने कमर कस ली हो। भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने उसी दिन ट्वीट किया था कि
“हम आपके लिए घर बनाएंगे अम्मा! प्रवीण चला गया है, मगर हम आपको कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे!”
और उन्होंने 30 अप्रेल को एक घर की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा कि
बहुत ही भावुक करने वाला क्षण! प्रवीण नेत्तारू जी के परिवार के पास एक नया घर है!
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेता भी उपस्थित रहे। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी इस अवसर पर उपस्थित थे। कर्नाटक के भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने कहा कि प्रवीण का अपने घर को लेकर बहुत बड़ा सपना था। परंतु दुर्भाग्य से उनकी हत्या कर दी गयी और घर का सपना मंझधार में ही रह गया और इसके बाद हम सब साथ बैठे और घर के विषय में बात की। पार्टी ने परिवार को अकेला नहीं छोड़ा है।
इस घर में प्रवीण नेत्तारु की प्रतिमा भी स्थापित की गयी है।
पाठकों को याद होगा कि प्रवीण नेत्तारू की हत्या के बाद भारतीय जनता पार्टी के ही नेताओं में असंतोष फ़ैल गया था और लोगों ने इस्तीफे देने आरम्भ कर दिए थे। और यह आक्रोश इस सीमा तक था कि बोम्मई सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने का समारोह तक रद्द करना पड़ा था।